आचार्य हाशमी मौजूदा धार्मिक कट्टरता के काल में अत्यंत प्रासंगिक हैं: डॉ अनिल सुलभ 13वीं पुण्यतिथि पर पाँच मनीषियों को दिया गया स्मृति-सम्मान राष्ट्रीय पत्रिका ‘दूसरा मत’ के स्मृति-विशेषांक के लोकार्पण के साथ मुशायरा व कवि-सम्मेलन पटना के कदम कुआं स्थित बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में 19 जुलाई, 2024 को मैथिली, हिन्दी और उर्दू के मनीषी विद्वान, समर्थ साहित्यकार एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के अग्रदूत आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी की 13वीं पुण्य स्मृति पर्व सांस्कृतिक चेतना के तौर पर मनाया गया। इस अवसर पर विद्वान मनीषियों ने आचार्य हाशमी को भारतीय दर्शन से अनुप्राणित एक राष्ट्रवादी मुसलमान बताया। समारोह का उद्घाटन…
Author: Global Observer
आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी बेगूसराय का साहित्य वह साहित्य है जिस पर पूरी दुनिया को गर्व है और बेगूसराय के प्रति कृतज्ञ भी है जिससे बेगूसराय के विद्वानों का एक बड़ा तब़का भी अनभिज्ञ रहा है। किसी क्षेत्र विशेष के साहित्य का इतिहास भाषा नहीं भाषाओं पर आधारित रहता है, जिसकी अवहेलना किसी न किसी रूप में हुई है। इसी सरज़मीन बेगूसराय के मुज़़फरा नामक ग्राम में जो अब वीरपुर प्रखंड का एक क्षेत्र है, अरशै़खुल आलम अलमुहद्दीस हज़रत मौलाना सैयद मोहसिन बिन यहिया तिरहुति रहमतुल्लाह अलैह 1805 ई. में पैदा हुएं; जिन्होंने संपूर्ण भारत में…
दीनानाथ सिंह ‘सुमित्र’ याद उन्हीं की आती है, जिनका ज़िंदगी भर का साथ रहता है। जो सुंदर, ख़ूबसूरत और कशिश पैदा करने वाला होता है, उसकी यादें दिल में समाई रहती है। ऐेसे लोग न रहकर भी बहुत कुछ दे जाते हैं। ऐसे ही ख़ूबसूरत, सुंदर और उम्दा इंसान थे-फ़ज़लुर रहमान हाशमी भाई जान। वे बड़े शायर थे। बहुत बड़े इंसान थे। मैंने ख़ुसरो, कबीर, ग़ालिब, मीर और इक़बाल की तस्ववुर की। ख़ूब की। लेकिन जब भाईजान को देखता था, उनसे मिलता था तो लगता था ऐसे ही होंगे शायरी के…
ए आर आज़ाद आचार्य हाशमी एक असाधारण शख़्सियत के मालिक थे। मालिक ने उन्हें अपने आप में एक अनोखी शख़्सियत बख़्शी। भाषाओं पर पकड़ और शब्दों की जादूगरी उनकी ख़ास पहचान थी। उर्दू पर उनकी जÞबरदस्त पकड़ थी। फारसी के बेहतरीन जानकार थे। संस्कृत में उन्हें महारत हासिल थी। अंग्रेजÞी में निपुणता थी। बंगाली भाषा से उत्कृष्ट प्रेम था। उसे सिर्फ समझते ही नहीं थे बल्कि विशुद्ध बोलते भी थे। और शुद्धता के साथ लिखते भी थे। अरबी की उन्होंने समझ अपने अंदर विकसित की। और क़ुरआन को बेहतरीन तरीक़े से समझ लेने का हुनर…
ए आर आज़ाद फ़ज़लुर रहमान हाशमी एक आकर्षक और विद्युतीय प्रभाव वाला नाम है, जो विवादों के घेरे में रहकर भी उत्तरोत्तर आगे की ओर बढ़ता गया और हमेशा ‘भाषाई एकता’के लिए कार्य करता रहा। श्री हाशमी का परिवार भाषा और साहित्य का परिवार था। चाहे वह पैतृक (बराह, पटना) हो अथवा मातृक (मुज़़फरा)। ‘कारवां’(नसीम बिहारी) ‘नदीम’(सैयद मोहीउद्दीन नदवी) ‘फितरत’(सबा रशीदी) सारी की सारी उर्दू पत्रिकाएं परिवार और ख़ानदान से ही संबंधित थीं, जो पटना की सरज़मी से प्रकाशित हो रही थीं। आपके चाचा सैयद मसूद आलम ‘वफा बराही’ के बिना बिहार का कोई मुशायरा…
आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी आज देश में फिर से हिन्दुत्व के मुद्दों पर विचारधाराएं टकराने लगी हैं। इस टकराहट से कभी-कभी ऩफरत की चिंगारी शोले का रूप धारण कर लेती है। ऐसे में आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी का हिन्दुत्व पर दिया गया व्याख्यान कारगर है। आज के समय में यह आवश्यक है कि हिन्दुत्व को सही ढंग से हिन्दू भी जाने और दूसरे धर्मावलंबी भी। संपादक: समानधर्मा दोस्तो! आज मैं अपने आपको आपलोगों के सम्मुख पाकर धन्य मानने लगा हूं। आपने इस अभूतपूर्व सम्मेलन का दायित्व देकर मझे धन्य किया है। मैं अपने उसूल और मिज़ाज के मुताबि़क इ़कबाल…
ए आर आज़ाद आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी मैथिली साहित्य के प्रथम मुस्लिम कवि के रूप में जनमानस के हृदय में स्थान बनाए हुए हैं। उनकी संपूर्ण रचनाओं का अवलोकन करें या कुछ ख़ास रचनाओं पर नज़र डालें तो स्पष्ट हो जाता है कि देश के संवेदनशील कवि आचार्य हाशमी साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए बेहतरीन जज़्बा और क़लम रखने वाले बेजोड़ कवि थे। आचार्य हाशमी कई भाषाओं के विद्वान थे। उनकी विद्वता संस्कृत में भी झलकती थी। हिन्दी-उर्दू में एक समान प्रखरता थी। उनमें भाषा की बेहतरीन पकड़ थी। भाषाओं की समझ में और शब्दों के चयन ने उन्हें देश के…
जनाब मोहम्मद असलम उद्दीन को शिक्षक सम्मान श्रीमती किरण सिंह को हिन्दी साहित्य सम्मान श्रीमती कहकशां तौहीद को उर्दू साहित्य सम्मान श्रीमती सोनी नीलू झा को मैथिली साहित्य सम्मान डॉ शगुफ़्ता ताजवर को समाजसेवा एवं साम्प्रदायिक सौहार्द सम्मान बेगूसराय ज़िले के गौरव और तीन भाषाओं के मर्मज्ञ साहित्यकार व हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रखर अलमबरदार आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी के नाम पर बनी संस्था ‘आचार्य हाशमी साम्प्रदायिक सौहार्द मंच’ इस बार उनकी 13वीं पुण्यतिथि पर पांच श्रेणियों में अवार्ड प्रदान कर रहा है। इन सारे श्रेणियों में 19 जुलाई को पटना के कदम कुआं स्थित बिहार-हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन में भव्य कार्यक्रम के…